Mutual Fund Kya Hota Hai in Hindi? Mutual Fund ke fayde, nuksan or nivesh karne ka tarika

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यह तो हम सभी ने सुना है कि म्यूचुअल फंड सही है या म्यूचुअल फंड में निवेश करने से बेहतर रिटर्न मिलता है। लेकिन कोई ये नहीं बताता कि आखिर म्यूचुअल फंड क्या होता है? जब तक हमें म्यूचुअल फंड के बारे में नहीं पता होगा तो हम उसमें निवेश कैसे करेंगे। इसीलिए हमने इस पोस्ट में म्यूचुअल फंड के बारे में पूरी जानकारी दी है। अगर आपने ये पोस्ट पूरी पढ़ ली तो आप भी जान जायेंगे कि Mutual Fund Kya Hota Hai?

Mutual fund kya hota hai? What is Mutual Fund in Hindi

Mutual Fund Kya Hota Hai (What is mutual fund in hindi)

म्यूचुअल फंड निवेशकों द्वारा दिए गए पैसों का फंड होता है, जिसको फंड मैनेजर फंड स्कीम के हिसाब से शेयर, बॉण्ड या सोने आदि में निवेश करता है और उससे होने वाले रिटर्न को पुनः निवेशकों को उनके द्वारा दिए गए पैसों के अनुपात में मूलधन सहित लौटा देता है।

निवेशक चाहे तो इस पैसे को पुनः निवेश कर सकता है या वापस निकाल सकता है। सामान्यतः म्यूचुअल फंड में निवेशक लम्बे समय के लिए पैसे लगाए रखते हैं ताकि उन्हें मिलने वाले रिटर्न पर भी रिटर्न मिलता रहे।

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए निवेशकों द्वारा फंड हाउस को एक विशेष म्यूचुअल फंड स्कीम में लगाने हेतु पैसा दिया जाता है। एसेट मैनेजमेंट कंपनी यानी एएमसी (AMC) जिसे फंड हाउस भी कहते हैं एक रजिस्टर्ड संस्थान होता है। जिसके द्वारा निवेशकों की आवश्यकता, निवेश के उद्देश्य, जोखिम उठाने की क्षमता आदि को ध्यान में रखते हुए काफी सारी म्यूचुअल फंड स्कीम चलायी जाती हैं। इन स्कीम्स को ही साधारण भाषा में म्यूचुअल फंड कहा जाता है।

हर म्यूचुअल फंड का उद्देश्य, जोखिम, निवेश की सीमा, कमिशन आदि अलग-अलग होते हैं, जो एएमसी (AMC) द्वारा तय किये जाते हैं। एएमसी (AMC) द्वारा ही इन फंड्स को मैनेज करने के लिए विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाती है, जिन्हें फंड मैनेजर कहा जाता है।

फंड मैनेजर म्यूचुअल फंड में एकत्रित निवेशकों के पैसों को फंड से उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए शेयर, बॉण्ड, सोने आदि में निवेश करता है। म्यूचुअल फंड क्या होता है इसे एक उदाहरण से समझते हैं।

उदाहरण (Example)

मान लीजिये आप अपने पैसे निवेश करने के लिए कोई बिल्डिंग खरीदना चाहते हैं। उस बिल्डिंग की कीमत एक करोड़ रुपये है लेकिन आपके पास केवल 10 लाख रुपये ही हैं। ऐसे में आप उस बिल्डिंग को नहीं खरीद सकते। लेकिन अगर आप 9 और लोगों को इकठ्ठा कर लें और वो भी उस बिल्डिंग को खरीदना चाहते हों, तो आप सब 10-10 लाख रुपये लगाकर उस बिल्डिंग को खरीद सकते हैं।

इसमें यह जरूरी नहीं है कि आप सब 10 लाख रुपये ही लगायें। बिल्डिंग से होने वाला लाभ आप द्वारा लगाई गई पूंजी के अनुपात में सब में बंट जायेगा। मतलब जो ज्यादा पैसे लगाएगा उसे ज्यादा लाभ प्राप्त होगा। तो अब तो आप जान ही गए होंगे कि What is Mutual Fund in Hindi?

Pranjal Kamra’s Video on What is Mutual Fund In Hindi

Mutual Fund Kaise Kaam Karta Hai? (How Mutual Fund Works)

जब भी कोई निवेशक किसी म्यूचुअल फंड में पैसे लगाता है तो उसे कुछ यूनिट (Unit) प्राप्त होती हैं। एक यूनिट की वैल्यू एनएवी (NAV) कहलाती है, जो बाजार के हिसाब से हर रोज बदलती है।

मान लीजिये आपने किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में ₹10,000 लगाये और आपको 50 यूनिट प्राप्त हुई। तो इसका मतलब है कि उस दिन फंड की एनएवी 200 थी। यह एनएवी स्कीम की बाजार में उपलब्ध प्रतिभूतियों की वैल्यू के हिसाब से रोज बदलती रहती है।

एनएवी को देखकर आप यह पता लगा सकते हैं कि आपको निवेश में फायदा हुआ या नुकसान। जैसे 1 साल बाद यदि इस फंड की एनएवी 200 से बढ़कर 250 हो जाती है तो आपको लाभ होगा। और यदि यह 175 ही रह जाती है तो आपको नुकसान होगा।

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपको शेयर बाजार के बारे में बहुत सारी जानकारी होने की आवश्यकता नहीं है। आपको बस एक बार अपनी आवश्यकता, उद्देश्य व जोखिम के हिसाब से एक अच्छी स्कीम चुननी है। इसके बाद आपके पैसे को कहां निवेश करना है, यह काम एएमसी (AMC) फंड मैनेजर से करवाती है। फंड मैनेजर पेशेवर निवेशक होता है, जिसे निवेश के बारे में बहुत अच्छा ज्ञान होता है।

इसके बदले एएमसी (AMC) कुछ फीस लेती है, जिसे एक्सपेंस रेश्यो (Expense Ratio) कहा जाता है। एक्सपेंस रेश्यो कुल निवेश का कुछ प्रतिशत भाग होता है, जो आमतौर पर 0.5% से 1.0% होता है।

इसके अलावा म्यूचुअल फंड निवेश किये गए पैसे को एक निश्चित समय से पहले निकालने पर भी फीस लेती है, जिसे एग्जिट लोड (Exit Load) कहा जाता है। सामान्यतः इक्विटी म्यूचुअल फंड में एक साल से पहले पैसे निकालने पर 1% एग्जिट लोड लगता है।

म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं? (Types of Mutual Funds)

म्यूचुअल फंड कई प्रकार के होते हैं। हर तरह के लक्ष्य, उद्देश्य व आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किसी ना किसी प्रकार का म्यूचुअल फंड उपलब्ध है। इन सभी म्यूचुअल फंड को मुख्यतः 3 भागों में बांटा जा सकता है-

  • इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund)
  • डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund)
  • हाइब्रिड म्यूचुअल फंड (Hybrid Mutual Fund)

इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund In Hindi)

इक्विटी म्यूचुअल फंड मुख्य रूप से शेयर बाजार में निवेश करते हैं। शेयर बाजार में निवेश करने के कारण इनमें ज्यादा रिटर्न मिलने से साथ ज्यादा जोखिम भी रहता है। इक्विटी म्यूचुअल फंड सालाना 12-15% का रिटर्न दे देते हैं।

इक्विटी म्यूचुअल फंड को ग्रोथ फंड भी कहा जाता है, क्योंकि इनमें निवेश का मुख्य उद्देश्य निवेश किये गए पैसे को तेजी से बढ़ाना होता है। इन म्यूचुअल फंड में निवेश लम्बे समय में पूरे होने वाले लक्ष्यों के लिए किया जाता है। इनमें किया गया छोटा छोटा निवेश भी लम्बे समय में अच्छी खासी वेल्थ बनाता है।

उदहारण के लिए अगर आप ₹5,000 प्रति माह 30 साल के लिए निवेश करते हैं और इस पर आपको प्रतिवर्ष 12% की दर से रिटर्न मिलता है तो आप 30 वर्ष के अंत में 1.75 करोड़ रुपये बना सकते हैं।

Equity Mutual Fund Kya Hota Hai यह जानने के बाद यह भी जानना जरूरी है कि इक्विटी म्यूचुअल फंड भी कई तरह के होते हैं। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं-

  • लार्ज कैप फंड (Large Cap Fund)
  • मिड कैप फंड (Mid Cap Fund)
  • स्मॉल कैप फंड (Small Cap Fund)
  • मल्टी कैप फंड (Multi Cap Fund)
  • सेक्टोरल फंड (Sectoral Fund)
  • ईएलएसएस फंड (ELSS Fund)

डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund In Hindi)

डेट म्यूचुअल फंड ऐसे फंड होते हैं, जो मुख्यतः बॉन्ड या निश्चित आय वाली प्रतिभूतियों हैं। इक्विटी म्यूचुअल फंड की तुलना में डेट म्यूचुअल फंड कम रिटर्न देते हैं लेकिन इनमें जोखिम भी कम होता है। इन फंड से सालाना 6-8% का रिटर्न मिल जाता है।

डेट म्यूचुअल फंड में अधिकांश निवेश निश्चित आय वाली प्रतिभूतियों में किया जाता है, इसलिए इन्हें निश्चित आय फंड (Fixed Income Fund) भी कहा जाता है। इन फंड में एक निश्चित मासिक या त्रैमासिक आय प्राप्त करने के लिए निवेश किया जाता है। इसके अलावा ऐसे निवेशक जो ज्यादा जोखिम नहीं ले सकते या जिन्हें लम्बे समय से लिए निवेश नहीं करना है, उनके लिए ये फंड उपयुक्त रहते हैं।

डेट म्यूचुअल फंड में भी कई तरह के फण्ड होते हैं, जिनमें निवेशक अपनी निवेश की अवधि को ध्यान में रखकर निवेश कर सकते हैं।

  • ओवरनाइट फंड (Overnight Fund)
  • लो डुरेशन फंड (Low Duration Fund)
  • मीडियम डुरेशन फंड (Medium Duration Fund )
  • लॉन्ग डुरेशन फंड (Long Duration Fund)
  • लिक्विड फंड (Liquid Fund)
  • बैंकिंग एंड पीएसयू फंड (Banking & PSU Fund)
  • गिल्ट फंड (Gilt Fund)

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड (Hybrid Mutual Fund In Hindi)

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड ऐसे फंड होते हैं जिनमें इक्विटी और डेट दोनों तरह के फंड का समावेश होता है। इन फंड में शेयर बाजार के साथ बॉन्ड व निश्चित आय वाली प्रतिभूतियों में भी निवेश किया जाता है। इस तरह ये इक्विटी फंड से कम जोखिम भरे होते हैं व डेट फंड से अधिक रिटर्न देते हैं।

इन फंड उपयोग ऐसे लक्ष्यों को पूरा करने के लिए किया जाता है जिनमें जोखिम को कम से कम रखकर लम्बे समय के लिए निवेश करना होता है। जैसे कि पेंशन व रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए।

अब जब आप जान गए हैं कि Mutual Fund Kya Hota Hai और ये कितनी तरह के होते हैं, तो आइये जानते हैं कि म्यूचुअल फंड के क्या फायदे और नुकसान हैं।

Mutual Fund Ka Fayda Kya Hota Hai? (Pros of Mutual Fund In Hindi)

डायवर्सिफिकेशन (Diversification)

अपनी सारी पैसों को एक ही जगह निवेश करना सही नही माना जाता है। लेकिन छोटे निवेशकों के पास इतने पैसे नही होते कि वे अपने निवेश को डाइवर्सिफाय (अलग अलग तरह की एसेट में निवेश करना) कर सकें।

म्यूचुअल फंड में लाखों लोग निवेश करते हैं इसलिए उनके लिए निवेश को डाइवर्सिफाय करना आसान होता है। इसका फायदा सभी निवेशकों को होता है। डायवर्सिफिकेशन के कारण किसी एक एसेट क्लास में नुकसान होने पर पूरा पैसा डूबने का खतरा नहीं होता।

कुशल निवेश प्रबंधन (Efficient Investment Management)

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपको निवेश या शेयर बाजार से संबंधित बहुत ज्यादा तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता नहीं है। आपको किसी निवेश सलाहकार की मदद लेकर म्यूचुअल फंड के उद्देश्य, निवेश की अवधि, रिस्क आदि के बारे में पता करके एक बार अच्छा फंड चुनना है। उसके बाद फंड मैनेजर आपके लिए काम करता है।

फंड मैनेजर एक पेशेवर निवेश प्रबंधक होता है, जिसे अपने क्षेत्र में कई सालों का अनुभव होता है। वे निवेश के लिए कंपनियों का व अन्य तरीकों का अच्छी तरह अध्ययन कर निवेशकों को अधिक रिटर्न दिला सकते हैं।

लागत व समय की बचत (Cost and Time Saving)

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के बाद आपको हर बार निवेश करने से पहले सोचने की जरूरत नहीं होती। एक बार फंड चुनने के बाद उस फंड में पैसा डालकर हम अपना ध्यान बाकि दूसरे कामों में लगा सकते हैं। इससे हमारे समय की बचत होती है।

साथ ही म्यूचुअल फंड द्वारा लाखों लोगों का पैसा एक साथ निवेश किया जाता है, जिससे खर्चों में कमी आती है व लागत काम होती है। इसके अलावा कोई निवेशक एक ही अकाउंट से किसी भी म्यूचुअल फंड में पैसे लगा सकता है।

लिक्विडिटी (Liquidity)

अधिकांश म्यूचुअल फंड में पर्याप्त लिक्विडिटी होती है। इसका मतलब है कि आप जब चाहें अपने पैसे निकल सकते है और जमा करा सकते हैं। हालांकि म्यूचुअल फंड से पैसे बैंक अकाउंट में आने में 2-3 दिन का समय लग जाता है।

सुविधाजनक (Facilities)

म्यूचुअल फंड में निवेश करना बहुत ही आसान है। आजकल मोबाइल एप के माध्यम से भी म्यूचुअल फंड में निवेश किया जा है, जिसे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। मोबाइल एप के जरिये आप मात्रा 10-15 मिनट में ही म्यूचुअल फंड में निवेश करना शुरू कर सकते हैं।

एक बार निवेश शुरू करने के बाद आप चाहें तो हर महीने एक निश्चित राशि आपके बैंक खाते से काटने की रिक्वेस्ट भी दे सकते हैं। ऐसा करने से हर महीने एक निश्चित राशि आपके म्यूचुअल फंड में जमा हो जायेगी।

मोबाइल एप के जरिये ही आप अपना पोर्टफोलियो देख सकते हैं, निवेश को कम ज्यादा कर सकते हैं या पैसे निकाल भी सकते हैं। इसके लिए आपको किसी ऑफिस या बैंक के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है।

लक्ष्य प्राप्त करना आसान (Achieving Goals Is Easy)

म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि हर प्रकार के लक्ष्य के लिए कोई ना कोई म्यूचुअल फंड स्कीम उपलब्ध है। इसके साथ म्यूचुअल फंड कैलकुलेटर्स की मदद से आप यह भी जान सकते हैं कि किसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए आज से कितने रुपये निवेश करने होंगे।

ऐसा होने से निवेशक अनुशासित होकर निवेश करते हैं, जिससे लक्ष्य प्राप्त करना आसान हो जाता है। आपको चाहे अपने रिटायरमेंट के लिए निवेश करना हो या बच्चों की पढाई के लिए, चाहे टैक्स बचाना हो या सिर्फ अपने एक्स्ट्रा पैसों पर ज्यादा रिटर्न चाहिए हो। हर तरह की आवश्यकता के लिए म्यूचुअल फंड उपलब्ध है।

टैक्स में छूट (Exempt From Income Tax)

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम फंड, जिन्हें ईएलएसएस (ELSS) फंड भी कहते है, में निवेश करके आप सालाना ₹1,50,000 तक के निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी के तहत छूट पा सकते हैं।

यह छूट केवल ईएलएसएस (ELSS) फंड में निवेश करने पर ही मिलती है और किसी प्रकार के फंड में निवेश करने पर यह छूट नहीं मिलती।

Mutual Fund Ka Nuksaan Kya Hota Hai? (Cons of Mutual Fund In Hindi)

जिस प्रकार हर चीज के फायदे और नुकसान होते हैं, उसी प्रकार निवेश के हर तरीके के अपने फायदे और नुकसान हैं। आपको अभी तक म्यूचुअल फंड के फायदे तो पता चल गए होंगे। लेकिन निवेश से पहले एक बार म्यूचुअल फंड के नुकसान भी पता कर लें तो अपने निवेश के बारे में आप निश्चिन्त जो सकते हैं।

रिटर्न की कोई गारंटी नहीं (Returns Are Not Guaranteed)

म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर रिटर्न तो अच्छा मिलता है, लेकिन इसमें कितना रिटर्न मिलेगा इसकी कोई गारंटी नहीं है। इसका कारण है कि म्यूचुअल फंड मुख्य रूप से शेयर बाजार में निवेश करते हैं। चूंकि शेयर बाजार का रिटर्न फिक्स नहीं है, यह रोज घटता बढ़ता है, इसलिए म्यूचुअल फंड का रिटर्न भी फिक्स नहीं है।

कई बार 6 महीने या 1 साल की अवधि के लिए म्यूचुअल फंड का रिटर्न नेगेटिव भी हो जाता है। मतलब आपके द्वारा निवेश किये गए पैसों का बाजार मूल्य मूलधन से भी कम हो जाता है।

वर्ष 2020 में कोविड-19 के कारण म्यूचुअल फंड 30-40% तक नीचे आ गए थे।

सीमित रिटर्न (Limited Return)

म्यूचुअल फंड में जोखिम को कम करने के लिए पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाय किया जाता है। लेकिन डायवर्सिफिकेशन के कारण म्यूचुअल फंड का रिटर्न सीमित हो जाता है।

जैसे किसी समय यदि शेयर बाजार 50% का रिटर्न भी दे देता है तो उस दौरान म्यूचुअल फंड केवल 30-40% का ही रिटर्न देते हैं। ऐसा इसलिये क्योंकि म्यूचुअल फंड अपना पूरा पैसा इक्विटी में नहीं लगाते। वे कुछ पैसा कम जोखिम व निश्चित आय वाले एसेट में भी लगते हैं।

इसके अलावा म्यूचुअल फंड कभी भी पूरा पैसा निवेश नहीं करते। वे कुल निवेश का कुछ हिस्सा अपना निवेश निकालने वालों के भुगतान के लिए व कुछ हिस्सा निवेश के अच्छे मौके की तलाश में बचाकर रखते हैं। इस प्रकार निवेशकों का पूरा पैसा निवेश नहीं होने के कारण भी रिटर्न कम मिलता है।

निवेश पर स्वयं का नियंत्रण नहीं (Lake Of Control On Investment)

म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय आप केवल म्यूचुअल फंड स्कीम का ही चयन कर सकते हैं। इसके बाद उस स्कीम का फंड मैनेजर किन शेयर्स में निवेश करता है, इस पर आपका कोई नियंत्रण नहीं रहता है।

कई बार फंड मैनेजर गलत कंपनी में निवेश कर देते हैं, जिससे म्यूचुअल फंड अच्छा रिटर्न नहीं बना पाता और इसका नुकसान निवेशकों को उठना पड़ता है।

इसके अलावा कुछ म्यूचुअल फंड स्कीम निवेश की न्यूनतम व अधिकतम राशि भी तय कर देती है, जिसके कारण निवेश के सीमित अवसर प्राप्त होते हैं।

बड़े निवेश पर अधिक लागत (More Cost On Big Investment)

म्यूचुअल फंड निवेश करने पर एग्जिट लोड के रूप में फीस ली जाती है, जो कुल निवेश का लगभग 1% होती है। म्यूचुअल फंड में जब छोटे स्तर पर निवेश किया जाता है तो एग्जिट लोड कम लगता है। लेकिन जब बड़ी राशि निवेश की जाती है या लम्बे समय तक निवेश करने पर बड़ा रिटर्न प्राप्त होता है, तो यह एग्जिट लोड की लागत बहुत ज्यादा हो जाती है।

इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर 1 साल से पहले निवेश की गयी राशि निकालने पर एग्जिट लोड लगता है। एग्जिट लोड वैसे तो म्यूचुअल फंड में बार बार पैसे डालने व निकालने से रोकने के लिए होता है, लेकिन कई बार जब पैसे निकालना जरूरी होता है तो एग्जिट लोड रिटर्न को कम कर देता है।

रिटर्न पर टैक्स (Returns Are Taxable)

यदि हम ईएलएसएस (ELSS) फंड को छोड़ दें तो म्यूचुअल फंड में निवेश की गयी राशि तथा उससे प्राप्त रिटर्न पर टैक्स में कोई छूट नहीं मिलती। बल्कि निवेश से प्राप्त रिटर्न पर भी टैक्स देना पड़ता है।

म्यूचुअल फंड से प्राप्त रिटर्न पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG), शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) जैसे टैक्स चुकाने पड़ते हैं। इक्विटी म्यूचुअल फंड में 1 साल से कम अवधि के निवेश से प्राप्त रिटर्न पर 15% एसटीसीजी (STCG) व 1 साल से ज्यादा के निवेश से प्राप्त रिटर्न पर 10% एलटीसीजी (LTCG) देना पड़ता है।

STCG व LTCG केवल निवेश की गयी राशि को म्यूचुअल फंड में से निकालने पर ही प्राप्त मुनाफे पर लगता है। राशि म्यूचुअल फंड में ही निवेशित रहने पर कितना भी मुनाफा हो, उस पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता।

गलत म्यूचुअल फंड स्कीम का चुनाव (Choosing Of Wrong Scheme)

हर फंड हाउस द्वारा कई तरह की म्यूचुअल फंड स्कीम चलाई जाती हैं। कई बार निवेशक कम जानकारी होने के कारण किसी ऐसी स्कीम का चुनाव कर लेते हैं जो उनके वित्तीय लक्ष्यों के अनुरूप नहीं होती।

कोई नयी स्कीम आने पर बहुत से निवेश सलाहकार भी अपने फायदे के चक्कर में निवेशकों को ऐसी स्कीम में निवेश की राय दे देते हैं जो उनके लिए सही नहीं होती।

ऐसी स्तिथि में निवेशकों को बहुत नुकसान उठाना पड़ता है। अधिकांश मामलों में जब तक इस गलती का पता चलता है तब तक काफी समय निकल जाता है। इतने समय में निवेशक सही स्कीम में निवेश कर अच्छा रिटर्न प्राप्त करने का अवसर खो देते हैं।

म्यूचुअल फंड में निवेश क्यों करें? (Why to invest in Mutual Fund In Hindi)

म्यूचुअल फंड बारे में इतना सबकुछ जानने के बाद, इसके फायदे और नुकसान जानने के बाद आपके मन में भी ये सवाल जरूर होगा कि आखिर म्यूचुअल फंड में निवेश क्यों करें?

तो इसका सीधा सा जवाब है कि अगर आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को अनुशासित तरीके से कम से कम जोखिम लेकर पूरा करना चाहते हो तो आपको म्यूचुअल फंड में जरूर निवेश करना चाहिये।

म्यूचुअल फंड को बैंक की एफडी या आरडी की तरह केवल ब्याज कमाने के हिसाब से नहीं देखना चाहिये। म्यूचुअल फंड को आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के साधन के रूप में देखना चाहिये। आपको अपने वित्तीय लक्ष्य से मिलते हुए म्यूचुअल फंड को चुनकर उसमें नियमित रूप से निवेश करना है। आपके द्वारा किये गये ये छोटे छोटे निवेश ही आपके हर बड़े लक्ष्य को पूरा करने का सामर्थ्य रखते हैं।

जैसा कि आपको ऊपर बताया गया है कि आपका ₹5,000 का लगातार किया गया निवेश भी आपको करोड़पति बना सकता है।

म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आपका निवेश किसी एक ही शेयर या एसेट में नहीं होकर अलग अलग शेयर्स और एसेट में बंट जाता है, जिससे जोखिम बहुत कम हो जाता है।

यद्यपि आपके निवेश पर आपका सीधा नियंत्रण नहीं होता लेकिन आपका पोर्टफोलियो प्रोफेशनल फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है, जो निवेश से संबंधित उच्च स्तर के निर्णय लेकर आपको ज्यादा रिटर्न दिलाता है।

म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आपका समय व पैसा बचता है। एक बार फंड चुनने के बाद आपको निवेश के लिए हर महीने समय नहीं लगाना पड़ेगा ना ही किसी निवेश सलाहकार को फीस देनी होगी। हर महीने आपके बैंक से एक किश्त कटकर आपके फंड में जमा हो जायेगी। म्यूचुअल फंड में एक्सपेंस रेश्यो भी निवेश के अन्य तरीकों से कम होता है, जिससे निवेश की लागत कम हो जाती है।

ईएलएसएस (ELSS)और क्लोज एंडेड फंड के अलावा आप किसी भी म्यूचुअल फंड में से जब चाहें अपने पैसे निकाल सकते हैं। ईएलएसएस (ELSS) म्यूचुअल फंड में से आप 3 साल से पहले पैसे नहीं निकाल सकते, लेकिन इस फंड में 1 साल में ₹1,50,000 तक के निवेश पर धारा 80सी के तहत टैक्स में छूट मिलती है।

आज के समय में म्यूचुअल फंड में निवेश बिना किसी कागजी कार्यवाही के, बिना घर से बाहर जाये, अपने मोबाइल फोन से ही शुरू किया जा सकता है, इसे बढ़ते हुए देखा जा सकता है और जरूरत पड़ने पर वापस निकाला भी जा सकता है।

अगर आप रिटायरमेंट तक अच्छा पैसा बनाना चाहते हो, अगर आप एक अच्छी पेंशन चाहते हो, अगर आप अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाना चाहते हो, अगर आप टैक्स की बचत करना चाहते हो, अगर आप बैंक में रखे पैसे पर अधिक ब्याज कमाना चाहते हो तो आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिये।

Mutual Fund Me Nivesh Kaise Hota Hai? (How to invest in Mutual Fund In Hindi)

म्यूचुअल फंड लिए आपको एएमसी (AMC) या एएमएफआई (AMFI) की वेबसाइट या एप पर लॉगिन करके अपना पैन (PAN), आधार कार्ड नंबर, बैंक डिटेल व अन्य जानकारी भरकर अकाउंट बनाना होता है। इसके बाद अपने वित्तीय लक्ष्य, जोखिम लेने की क्षमता, निवेश की अवधि आदि को ध्यान में रखते हुए म्यूचुअल फंड का चयन कर उसमें निवेश शुरू कर सकते है।

आजकल कई थर्ड पार्टी एप्स भी मौजूद हैं, जिनके द्वारा आप किसी भी एएमसी (AMC) के किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इन एप्स में म्यूचुअल फंड की तुलना करना बहुत आसान है। साथ ही इनमें बहुत से फ़िल्टर भी होते हैं, जो आपके लिए गैर जरूरी फंड्स को हटाकर केवल जरूरी फंड ही दिखाते हैं।

KUVERA एक ऐसा ही एप है जो आपको सभी म्यूचुअल फंड एक ही जगह उपलब्ध कराता है। इस एप की सबसे खास बात यह है कि इस एप से आप डायरेक्ट म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हो, वो भी बिल्कुल फ्री में। KUVERA किसी भी प्रकार की ब्रोकरेज या फीस नहीं लेता है।

डायरेक्ट म्यूचुअल फंड में कोई ब्रोकर नहीं होता है जबकि रेगुलर म्यूचुअल फंड में ब्रोकर होते हैं। इसलिये डायरेक्ट म्यूचुअल फंड में एक्सपेंस रेश्यो कम होता है और आपको रेगुलर फंड की तुलना में ज्यादा रिटर्न मिलता है।

ज्यादातर निवेश सलाहकार या डिस्ट्रीब्यूटर यहाँ तक की बैंक भी आपको रेगुलर फंड में ही निवेश करवाते हैं। लेकिन KUVERA बिना किसी ब्रोकरेज, कमीशन या फीस के आपको देता है डायरेक्ट फंड, जिससे आप सालाना 1.5% तक अधिक रिटर्न कमा सकते हैं। इस लिंक पर क्लिक करके आप KUVERA पर अपना अकाउंट बना सकते हैं और डायरेक्ट फंड में निवेश कर सकते हैं। मैं खुद म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए KUVERA एप यूज़ करता हूँ।

अगर आपको KUVERA पर अकाउंट बनाने या फंड चुनने से जुड़ी कोई भी समस्या है तो आप नीचे कमेंट कर सकते हैं।

म्यूचुअल फंड में पैसा कब लगायें? (When to invest in Mutual Fund In Hindi)

एक कहावत है कि अच्छे काम के हर समय अच्छा होता है। इसी तरह म्यूचुअल फंड में भी आप कभी भी पैसा लगा सकते हैं। जितनी जल्दी आप म्यूचुअल फंड में पैसे लगायेंगे उतना ही अच्छा है। क्योंकि म्यूचुअल फंड से बहुत बड़ा पैसा बनाने के लिए समय ज्यादा जरूरी है ना की कीमत।

शेयर मार्केट के अनुसार म्यूचुअल फंड में भी उतर चढ़ाव आते रहते हैं। इन उतार चढ़ाव को पहले से जान पाना बहुत मुश्किल है। इसलिए आपको जल्द से जल्द म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर देना चाहिए। यदि बाजार नीचे भी आता है तो आपको उस समय और निवेश करके एनएवी को एवरेज करना चाहिये।

अगर आप आज से ₹5,000 हर महीने 20 साल तक निवेश करते हो और आपको सालाना 12% रिटर्न मिलता है, तो आपके पास 20 साल बाद लगभग 50 लाख रुपये होंगे। लेकिन आप आज से 5 साल बाद निवेश करना शुरू करते हो तो आपको अगले 15 साल में उसी दर से रिटर्न मिलने पर 50 लाख रुपये इकट्ठे करने के लिए हर महीने ₹10,000 निवेश करने होंगे। और अगर आप 10 साल बाद शुरू करते हैं तो आपको 50 लाख रुपये के लिए ₹20,000 निवेश करने होंगे।

तो अब तो आप समझ ही गए होंगे की म्यूचुअल फंड में पैसे कब लगाने चाहिये। तो अब देर मत करिये और अभी से निवेश करना शुरू कीजिये।

हालांकि म्यूचुअल फंड में पैसे लगाने से पहले आपको थोड़ी बहुत रिसर्च कर जानकारी लेनी चाहिए या किसी अच्छे निवेश सलाहकार की मदद लेनी चाहिए।

Mutual Fund Se Kya Return Prapt Hota Hai? (How much return Mutual Fund Generates)

म्यूचुअल फंड में रिटर्न रिस्क के अनुपात में मिलता है। जिस स्कीम में जितना ज्यादा रिस्क होता है, उस स्कीम में उतना ज्यादा रिटर्न भी होता है। फिर भी लंबे समय में इक्विटी फंड में सालाना 12-15% व डेट फंड 6-8% रिटर्न मिल जाता है।

अगर आप अभी तक इस पोस्ट को पढ़ रहे हैं तो हम उम्मीद करते हैं कि आप अब अच्छी तरह से समझ गए होंगे कि Mutual Fund Kya Hota Hai in Hindi. म्यूचुअल फंड से संबंधित कुछ सवालों के जवाब नीचे दिए गए हैं। उन्हें पढ़ने के बाद भी आप के मन में कोई सवाल हो तो आप नीचे कमेंट में अपना सवाल पूछ सकते हैं। हम आपके सवालों का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे।

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सवाल-जवाब (FAQ’s)

Mutual Fund Kya Hota Hai?

म्यूचुअल फंड निवेशकों द्वारा दिए गए पैसों का फंड होता है, जिसको फंड मैनेजर फंड स्कीम के हिसाब से शेयर, बॉण्ड या सोने आदि में निवेश करता है और उससे होने वाले रिटर्न को पुनः निवेशकों को उनके द्वारा दिए गए पैसों के अनुपात में मूलधन सहित लौटा देता है।


क्या म्यूचुअल फंड में पैसा डूब सकता है?

म्यूचुअल फंड में पैसा पूरी तरह से नहीं डूबता लेकिन कभी कभी कुछ स्कीम में 20-30% तक नुकसान हो जाता है।

म्यूचुअल फंड में कितना ब्याज मिलता है?

लंबे समय में इक्विटी फंड में सालाना 12-15% व डेट फंड 6-8% रिटर्न मिल जाता है।

एसबीआई म्यूचुअल फंड क्या है?

एसबीआई म्यूचुअल फंड एक एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) है, जिसे फंड हाउस भी कहा जाता है। एसबीआई म्यूचुअल फंड कई प्रकार की म्यूचुअल फंड स्कीम चलाता है। जिनमें एसबीआई ब्लूचिप फंड व एसबीआई स्माल कैप फंड मुख्य हैं।

Mutual Fund Calculator Kya Hota Hai?

म्यूचुअल फंड कैलकुलेटर एक विशेष प्रकार का कैलकुलेटर होता है, जिसका उपयोग आपके दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिये कितने निवेश की जरूरत होगी यह जानने के लिए किया जाता है।

मुझे म्यूचुअल फंड में कितना पैसा लगाना चाहिए?

अपने निवेश के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए आपको म्यूचुअल फंड में अपनी इनकम का कम से कम 10 से 15% निवेश करना चाहिये।

Mutual Fund Kitne Saal Ka Hota Hai?

म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए कोई निर्धारित समय सीमा नहीं है। आप जितने समय तक चाहें उतने समय तक इसमें निवेश कर सकते हैं।

म्यूचुअल फंड में सीधे निवेश कैसे करें?

म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए आप सीधे उस म्यूचुअल फंड की वेबसाइट पर लॉगिन करके निवेश कर सकते हैं। लेकिन ऐसा करने से आपको अलग-अलग म्यूचुअल फंड हाउस के लिए अलग-अलग लॉगिन डिटेल याद रखनी पड़ेंगी। आजकल KUVERA, GROW, ET MONEY, ZERODHA COIN, PAYTM जैसे प्लेटफॉर्म के जरिये आप एक ही एप से किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।

म्यूचुअल फंड में नुकसान कब होता है?

जब आप म्यूचुअल फंड में कम समय के लिए निवेश करते हैं और उस दौरान शेयर बाजार नीचे आ जाता है, तो उस समय म्यूचुअल फंड में नुकसान होता है। इसके अलावा गलत म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश से भी नुकसान हो जाता है।

एसबीआई का सबसे अच्छा म्यूचुअल फंड कौन सा है?

लार्जकैप श्रेणी में SBI Bluechip Fund व स्मॉलकैप श्रेणी में SBI Small Cap Fund सबसे अच्छा है।

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